Sunday, April 4, 2010

ढाई लाख का कान
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क्या लिखू, छोटी सि दासता है , ढाई लाख का कान, एक अनुभव है जो आज बाटना चाहता हु, २८ सितम्बर २००९ को कान मे अचानक दादर हुआ, तो डाक्टर साहेब के पास गया, डाक्टर साहेब ने कहा, बंधू कान का पर्दा फट गया है , ओप्रते करना परेगा, डेट तय हुई , ३ ओक्ट्टोबेर २००९, डाक्टर साहेब ने कहा १ हफ्ते मे दोड़ने लागोयेया, १ हफ्ते बाद पात्तिया खुली, पर्दा खीक हो गया, मे बहुत खुश था, पर खुसिया नहीं चली , और कान मे फिर दर्द शुरू हुवा , पता लगा कोई दाना कान के अन्दर निकल आया है, चुकी दाना अन्दर था , आर परदे को नुकसान पंहुचा सकता था तो फिर सेओप्रते करना परेगा , फिर ओप्रेते हुआ, एक के बाद एक कर ६ ओप्रेतिओं हुए , दवा
ने काम करना बंद कर दिया, और अनंत ३ महीने के बाद कान टिक हुआ, और खर्चा हुआ,२.५ लाख। दोस्तों दर्द कोई भी हो जेब पर भारी होता है।